कहा तो यही जाता है कि इंसान अगर संकल्प साध ले तो कुछ भी कर सकता है। पर दिक्कत यह है कि संकल्प साधना इतना आसान नहीं होता। खासकर जब मामला सिगरेट जैसी किसी लत को छोड़ने का हो।
हमारे एक दोस्त सिगरेट छोड़ने के मामले में खुद को काफी अनुभवी मानते है, क्योंकि वे सिगरेट पीना कई बार छोड़ देने का अनुभव प्राप्त कर चुके है। आपको अपने आस पास ऐसे अनुभवी लोग काफी तादाद में मिल जाएंगे। पर ऐसे लोग काफी कम मिलेंगे जिन्होंने सिगरेट पीने की आदत सचमुच में हमेशा के लिए छोड़ दी। हालाँकि आज ही पेपर में पढ़ा की ओबामा ने सिगरेट पीना छोड़ दिया है , और उनके कुछ सलाहकार भी इस राह पर है। ओबामा ने एक साल पहले सिगरेट छोड़ने का संकल्प लिया था, और अब वे कामयाब है। खैर जो संकल्प नहीं साध पाते अब उनके लिए भी एक अच्छी खबर है कि वे टीका लगवाएं और साल भर के लिए नशे से मुक्त हो जाएं।
लेकिन इस टीके को क्या माना जाए? विज्ञान की उपलब्धि या संकल्प का विकल्प? यह ठीक है कि इससे हम कैंसर के खिलाफ जंग में एक बड़ी जीत हासिल कर सकते हैं। इसकी खबरों में आंकड़े भी दिए गए हैं कि हर साल कितने लाख लोग कैंसर की वजह से जान से हाथ धो बैठते हैं। इस लिहाज से यह मानवता की एक बड़ी कामयाबी भी है, जो दरअसल करोड़ों लोगों की निजी नाकामी को ढंकने का काम भी करेगी।वैसे यह मामला सिर्फ सिगरेट या तंबाकू की लत का नहीं है। ओवरवेट हो गए लोगों का संकल्प भी जब चुक जाता है तो वे ऐसी दवाएं तलाशते दिखाई देते हैं जो बिना कसरत और खान पान की आदतें बदले हीं उन्हें हल्का बना दें। हो सकता है कि कल को ऐसी दवा बन भी जाए।
हमारे एक दोस्त सिगरेट छोड़ने के मामले में खुद को काफी अनुभवी मानते है, क्योंकि वे सिगरेट पीना कई बार छोड़ देने का अनुभव प्राप्त कर चुके है। आपको अपने आस पास ऐसे अनुभवी लोग काफी तादाद में मिल जाएंगे। पर ऐसे लोग काफी कम मिलेंगे जिन्होंने सिगरेट पीने की आदत सचमुच में हमेशा के लिए छोड़ दी। हालाँकि आज ही पेपर में पढ़ा की ओबामा ने सिगरेट पीना छोड़ दिया है , और उनके कुछ सलाहकार भी इस राह पर है। ओबामा ने एक साल पहले सिगरेट छोड़ने का संकल्प लिया था, और अब वे कामयाब है। खैर जो संकल्प नहीं साध पाते अब उनके लिए भी एक अच्छी खबर है कि वे टीका लगवाएं और साल भर के लिए नशे से मुक्त हो जाएं।
लेकिन इस टीके को क्या माना जाए? विज्ञान की उपलब्धि या संकल्प का विकल्प? यह ठीक है कि इससे हम कैंसर के खिलाफ जंग में एक बड़ी जीत हासिल कर सकते हैं। इसकी खबरों में आंकड़े भी दिए गए हैं कि हर साल कितने लाख लोग कैंसर की वजह से जान से हाथ धो बैठते हैं। इस लिहाज से यह मानवता की एक बड़ी कामयाबी भी है, जो दरअसल करोड़ों लोगों की निजी नाकामी को ढंकने का काम भी करेगी।वैसे यह मामला सिर्फ सिगरेट या तंबाकू की लत का नहीं है। ओवरवेट हो गए लोगों का संकल्प भी जब चुक जाता है तो वे ऐसी दवाएं तलाशते दिखाई देते हैं जो बिना कसरत और खान पान की आदतें बदले हीं उन्हें हल्का बना दें। हो सकता है कि कल को ऐसी दवा बन भी जाए।
ऐसा हुआ तो विज्ञान एक बार फिर जीत जाएगा, पर संकल्प एक बार फिर हार जाएगा।
वैसे अभी हम यह नहीं जानते कि संकल्प के इस तरह बार बार हार जाने का नतीजा आखिर में बुरा ही होगा या उसमें भी अच्छाई के कुछ रास्ते निकलेंगे।
आप क्या सोचते है ? अजय
33 comments:
कोई ताज़्ज़ुब नहीं कि आने वाली पीढ़ियाँ यह पूछ बैठें, संकल्प… यह क्या होता है ? आप क्या सोचते है ?
their is a need of will-power for any strong step.
एक बेबाक राय है कि इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता लेकिन उसको खुद ही नहीं पता चल पाता कि हो क्या रहा है। संकल्प के साथ-साथ हम लोगों ने साहस को भी किनारे पर रखा दिया है, वरना इंसान तो शरीर छोड़ जाता है, आप और हम आदत की बात करते हैं।
आपसे सहमत हु
bilkul sahi kaha aapne..hamare sankalp ki haar ka isse bada udhahran aur kya ho sakta hai..
सपना जी
संकल्प के साथ-साथ हम लोगों ने साहस को भी किनारे पर रखा दिया है, वरना इंसान तो शरीर छोड़ जाता है, आप और हम आदत की बात करते हैं।
बिलकुल सही कहा है आपने
धन्यबाद
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया हर फ़िक्र को धुए उडा़ता चला गया
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया, बरबादियों का जश्न मनाता चला गया।
आपने बहुत अच्छा कहा
साइंस की जीत और संकल्प की हार।
अजय जी आपका विचार बहुत अच्छा है पर बिज्ञान की जीत भी तो हमारे संकल्प की ही जीत है और संकल्प की जीत भी वैज्ञानिक मानसिकता की जीत है
हा पार्थजी और आज जरूरत इस द्वंद्व को बढा़ने की नहीं घटाने की है।
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया हर फ़िक्र को धुए उडा़ता चला गया
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया, बरबादियों का जश्न मनाता चला गया।
अपना भी यही हाल है
their is a need of will-power for any strong step.
Deepak Saini ji
फिर आप कौनसी युक्ति आपनाना चाहेंगे ?
आवश्यकता अविष्कार की जननी है
अच्छा पोस्ट
good
agree with your thought
सपनों की उड़ान
तीखी धूप के साथ
गर्म हवा के थपेड़े
पथरीली ज़मीन
उठती - गिरती सांसें
साँसों के साथ गिरते-उठते
सपनों के महल
मुट्ठी में बंद रेत-सी
निकल जाने को आतुर
जीवन, और सपने भी|
फिर भी हार न मानना
फितरत है इंसान की
हैरान हुए थे धर्मराज भी जिस पर
जीते हैं यूँ कि
कभी मौत आएगी ही नही!
“मैं हूँ श्रेष्ट”
पहचान की जिद्द
हासिल किये अनगिनत मुकाम|
आगे भी रहे ये जिद्द
घूमता रहे समय का पहिया
अजय जी बहुत ही सार्थक लेख
विज्ञानं की भूमिका तो रहनी ही चाहिए परन्तु हमें हर बार विज्ञानं का ही रास्ता नहीं आपनना चहिये
हमें संकल्प के जैसे अनूठे मंत्र का इस्तेमाल करना चहिये
बिल्कुल सही कहा आपने।
सही लिखा आपने, संकल्प के टूट जाने पर आदमी दवाओं या योगी बाबाओं की शरण में जाता है। लेकिन साइंस ने देखिये कितनी तरक्की की है, हर बीमारी का टीका बना दिया, मैने भी एक व्यंग्य लिखा है करामाती इंजेक्शन के नाम से अगर इसे भी करामाती टीका कहा जाये तो शायद गलत नही होगा। जितना मर्जी खाओ-पियो टीका लगवाओ और खुश रहो। वो है न की आविष्कार तभी होता है जब आलस्य घर कर जाता है। हमारे साथ भी ऐसा ही कुछ है, दौड़-भाग की अब बस टीकों का ही सहारा नज़र आता जान पड़ता है। बधाई एवं धन्यवाद!
धुम्रपान निषेध !
इसका उपाय तो संयम और संकल्प ही है
हाँ जी
संकल्प एक अनूठा मंत्र है
यह मानवता की एक बड़ी कामयाबी भी है, जो दरअसल करोड़ों लोगों की निजी नाकामी को ढंकने का काम भी करेगी।
आपने बहुत अच्छा कहा सर
साइंस की जीत और संकल्प की हार।
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया हर फ़िक्र को धुए उडा़ता चला गया
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया, बरबादियों का जश्न मनाता चला गया।
आपने बहुत अच्छा कहा सर
हमारा भी यही दशा है
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया हर फ़िक्र को धुए उडा़ता चला गया
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया, बरबादियों का जश्न मनाता चला गया।
nice
नहीं दुबे जी ! संकल्प का कोई विकल्प नहीं है ...जो है वह शुद्ध छलावा है .........प्रमाण मिलने में अधिक समय नहीं लगेगा
संकल्प से अच्छा कोई विकल्प नहीं.
संकल्प का संकल्प कहाँ से लायें.
सलाम
@कौशलेन्द्र जी
आपका विश्वाश निश्चय ही सही हो ....आभार
@sagebob
हां जी संकल्प का विकल्प भी संकल्प ही होगा
आपसे सहमत हु
धन्यबाद
दृण इच्छा शक्ति...आत्म विश्वास!! बस...
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