भगवत् कृपा हि केवलम् !

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Monday 21 March 2016

फूल की तरह तू भी खुशबू बिखेर यहाँ.....

विश्व कविता दिवस के अवसर पर मै आप लोगो के साथ ये छोटी सी कविता साझा कर रहा हू जो मैंने अपने स्कूल के दिनों में वर्ष 1999 में लिखी थी ।

आया है तू ये जहा में तो कुछ तो कर नया
फूल की तरह तू भी खुशबू बिखेर यहाँ ..।।


एक बात जान ले तू है नही देवा..
करने पड़ेंगे हर करम चाहे हो सज़ा ।
इंसान है तू इंसान की रंगत को बढ़ा...
आया है तू ये जहा में तो कुछ तो कर नया
फूल की तरह तू भी खुशबू बिखेर यहाँ ..।।

मुश्किलें है बहुत पर कदम तो बढ़ा
रास्ते कटते नही बिन पाये सज़ा ।
मिल जाएगी मंजिल तुम्हे बढ़ तो जरा...
आया है तू ये जहा में तो कुछ तो कर नया
फूल की तरह तू भी खुशबू बिखेर यहाँ ..।।

आया है तू ये जहा में तो कुछ तो कर नया
फूल की तरह तू भी खुशबू बिखेर यहाँ ..।।

सभी मित्रो को "विश्व कविता दिवस" की अनेको अनेक शुभकामनायें !
आप सभी का स्नेह हमें सदैव मिलता रहे - अजय कुमार दूबे